समिति का उद्देश्य


  1. शिक्षार्थी का सर्वागीण विकास।

  2. सह-शैक्षिक गतिविधि से शारीरिक और मानसिक विकास।

  3. सह-शैक्षिक क्रियाओ से शिक्षार्थियों में निहित कौशल को पहचानना।

  4. शिक्षार्थी को सक्रिय बनाने हेतु।

  5. शिक्षार्थी के व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों के विकास हेतु

  6. शिक्षार्थी के व्यवहार में परिवर्तन एवं परिमार्जन हेतु

  7. जीवन कौशल के विकास हेतु।

  8. शिक्षार्थी को असीम ऊर्जावान बनाने के लिए।


समिति के कार्य:

  1. शिक्षार्थियों में व्यावसायिक दक्षता और चारित्रिक गुणों का विकास करना।

  2. विभिन्न सहगामी क्रियाओं से शिक्षार्थियों में जीवनमूल्य, सामाजिकता एवं सहानुभूति का विकास करना।

  3. शिक्षार्थियों के अन्दर विभिन्न प्रकार के सह-शैक्षिक कार्यक्रम के द्वारा जीवन कौशल का उन्नयन करना।

  4. छात्रों के अन्दर नैतिकता, सद्‌भावना आदि सहज गुण’ का विकास करना

  5. नृत्य, नाटक, लोकसंगीत तथा चित्रकला इत्यादि के माध्यम से कलात्मक भावनाओं का विकास करना

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